Friday, October 5, 2007

शुक्रिया मोहिब साहब

मैं मोहिब साहब का शुक्रगुजार हुँ कि उन्होने अपनी वेबसाइट से गज़लें इत्यादि देने के लिये रजामंदी दे दी। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं तमाम गजंलों को यहाँ देवनागरी में लिखूँ।

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